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अखि जो दोखो / विश्नू भाटिया

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अखि जो दोखो आहे
कहिड़ो भरोसो आहे?
वणु आहे त
सुपनो बि थी सघे थो।

सृष्टीअ जे
अंश जो अंशु
वंश जो वंशु
इनसानु
हिकु सुपनो आहे।
ज़िन्दगी ऐं मौत जे
विच जो
मुफ़ासिलो तइ कन्दो,
विच विच ते वेसाही वठन्दो-
धर्म ऐं तहज़ीब जूं
दुआऊं पिनन्दो
पंहिंजे सेहत जो जामु
पी रहियो आहे।
भले उन प्याले में इनसनी खूनु
छो न हुजे!