भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

माण्हूअ जी तलाश / वेढ़ो 'रफ़ीक़'

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:45, 1 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वेढ़ो 'रफ़ीक़' |अनुवादक= |संग्रह= }} {{...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन शहा में मां अजनबी आहियां
भिटिकी रहियो आहियां शहर जे
घिटियुनि, गलियुनि, पाड़नि में
घरनि ते नेम-प्लेटूं लटिकियल आहिनि
किथे किथे संग मरमर जे तख़्तियुनि ते
पिणि नाला उकिरियल आहिनि
नालनि सां गॾु वन्दनि उहदा ऐं डिग्रियूं बि
चिटियल आहिनि।
ख़ूब तलाशियुमि
मगर किथे बि,
कंहिं बि घर में
को इनसानु-माण्हू न मिलियुमि।