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पाछूलो / वीना शृंगी

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मां ऐं मुंहिंजो पाछूलो!
ज़िन्दगीअ जे अणांगियुनि राहुनि ते,
हयातीअ जे शाहराहुनि ते
तन्हा तन्हा...
पिया सफ़रु करियूं!
हिक ॿिए जे क़रीब हून्दे बि
मिलणु झुलणु मुहालु आ।

कॾहिं हू मूंखां डिघो
कॾहिं मां हुन खां बिंदिरो
अधो अधु विरहायल
हीउ तवाज़न
कॾहिं कंहिंजे हक़ में
कॾहिं कंहिंजे हक़ में
मां ऐ मुंहिंजो पाछूलो।