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जज़्बात / वीना करमचंदाणी

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घणो सोचण खां पोइ
रुआं थी घणो
रोई वरी सोचियां थी
मां इएं छो रुनसि?
डाक्टर खां सलाह वठण ते
पतो पियो
अञा बि आहियां मां इनसानु
इन करे ई
सोचियां बि थी
रुआं बि थी!