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मारू ईंदा माॻि / अर्जुन ‘शाद’

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मारू ईंदा माॻि-जेॾियूं अॼु खुश थियो!
मुहिबु अचे थो, मेंदी लॻायां, सुहिणी सेज सजायां
चंड खे लाहे धर में आणे ॿह ॿह घरु ॿहकायां
रोशन थींदा भाॻ-
मुहिंजा मारू ईंदा माॻि!
फु़लिवाड़ीअ जा फू़ल छिनी सभु राह में तुंहिंजे विछायां
कोयल ऐं बुलबुल जूं लातियूं रूह में पंहिंजे समायां
चह चह मुंहिंजा चाॻ-
मुहिंजा मारू ईंदा माॻि!
”शाद“ खुशीअ में नची-नची मां सुधि ॿुधि सुरित भुलायां
फ़िरां फ़िरा अहिड़ो जो गॾु धरतीअ खे भी फ़ेरायां
ॻायां रसीला राॻ
मुहिंजा मारू ईंदा माॻि!