भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आरोही अवरोही / हरूमल सदारंगाणी ‘ख़ादिम’

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:31, 8 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरूमल सदारंगाणी 'ख़ादिम' |अनुवादक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आधीअ जो उथी
समुंड जी कंधीअ ते बीही
लहरुनि जी हर चाल खे ॾिसंदो आहियां
लइ ताल संदियूं सुरकियूं पिअंदो आहियां
इन खां थी अचे नज़र
चपनि मुंहिंजनि ते
छा लाह में
छा चाढ़ में
हालत सारू:
आरोही
ऐं
अवरोही
ॿारोही।