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आरोही अवरोही / हरूमल सदारंगाणी ‘ख़ादिम’
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आधीअ जो उथी
समुंड जी कंधीअ ते बीही
लहरुनि जी हर चाल खे ॾिसंदो आहियां
लइ ताल संदियूं सुरकियूं पिअंदो आहियां
इन खां थी अचे नज़र
चपनि मुंहिंजनि ते
छा लाह में
छा चाढ़ में
हालत सारू:
आरोही
ऐं
अवरोही
ॿारोही।