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ख़ून / हरूमल सदारंगाणी ‘ख़ादिम’

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नूर जा तिर्वरा
सड़क ऊंदाही ते डोड़िया
थी वई रात खू़न
रात कारी खू़न
ऐं
किरी
काग़ज़ी गुलनि तां दज़
माठि जे वेकरियुनि निगाहुनि ते।

काल जे चंबे खां भॼण जे समे
कीन
को
आसपास ॾे थो ॾिसे
अंत वेले
वधाए
पंहिंजा हथ
थो हवा जे छुड़ियल छतनि वांगुर
कोरिअड़े जां
वधीक ई फासे
ऐं
लुछी
घुटिजी
ॼार में
दम ॾिए।