भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कहाँ रे हरदी, कहाँ रे हरदी / छत्तीसगढ़ी
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:22, 13 अक्टूबर 2016 का अवतरण (Dkspoet ने कहाँ रे हरदी, कहाँ रे हरदी / छत्तीसगढी पृष्ठ कहाँ रे हरदी, कहाँ रे हरदी / छत्तीसगढ़ी पर स्थ...)
♦ रचनाकार: अज्ञात
भारत के लोकगीत
- अंगिका लोकगीत
- अवधी लोकगीत
- कन्नौजी लोकगीत
- कश्मीरी लोकगीत
- कोरकू लोकगीत
- कुमाँऊनी लोकगीत
- खड़ी बोली लोकगीत
- गढ़वाली लोकगीत
- गुजराती लोकगीत
- गोंड लोकगीत
- छत्तीसगढ़ी लोकगीत
- निमाड़ी लोकगीत
- पंजाबी लोकगीत
- पँवारी लोकगीत
- बघेली लोकगीत
- बाँगरू लोकगीत
- बांग्ला लोकगीत
- बुन्देली लोकगीत
- बैगा लोकगीत
- ब्रजभाषा लोकगीत
- भदावरी लोकगीत
- भील लोकगीत
- भोजपुरी लोकगीत
- मगही लोकगीत
- मराठी लोकगीत
- माड़िया लोकगीत
- मालवी लोकगीत
- मैथिली लोकगीत
- राजस्थानी लोकगीत
- संथाली लोकगीत
- संस्कृत लोकगीत
- हरियाणवी लोकगीत
- हिन्दी लोकगीत
- हिमाचली लोकगीत
कहाँ रे हरदी, कहाँ रे हरदी
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहाँ रे लिए अवतार
मरार बारी, मरार बारी
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
बनिया दुकाने दीदी लिएँव अवतार
कहाँ रे पर्रा, कहाँ रे पर्रा
भई तोर जनामन, भई तोर जनामन
कहाँ रे पर्रा तैं लिए अवतार
सिया पहार ऐ, सिया पहार ऐ
दीदी मोर जनामन, दीदी मोर जनामन
कँड़रा के घरे मैं लिएँव अवतार