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नौजवानो / हूँदराज दुखायल

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थल्ह:
जवानो वर्ष भारत खे अञा केसीं लॼाईंदा?
गुज़ारे ऐश इश्रत में अञा आयू विञईंदा।

अड़े दौलत जा मतवाल, ऐं शायक रंगमहलनि जा,
कॾहिं बेघर ग़रीबनि खे अझे जो आसरो ॾींदा।

भरे भलि पेट पंहिंजा चैन सां लेटो गदेलनि ते,
बुखायल भाउरनि जी पर कॾहिं बुख खे मिटाईंदा।

मिले मैखाने मां थी छा अव्हांखे कान का फुर्सत,
पीअनि था खूने दिल, तिनिखे कॾहिं पाणी पीआरंदा।

विञाईंदा ‘‘दुखायल’’ ई तुॾहिं दुख दर्द माता जो,
जॾहिं भाउर थी भाउनि, में सचो इतहाद आणींदा।