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याद बनकर दरमियानी रह गयी / पूजा श्रीवास्तव
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याद बनकर दरमियानी रह गयी
आख़िरी ये ही निशानी रह गयी
फिक्रे पीरीं से उलझने में बशर
जीने से अहले जवानी रह गयी
जश्ने आजादी में डूबे इस कदर
कैद से चिड़िया उड़ानी रह गयी
बंद संदूकों से देखो पूछकर
क्या कोई चिट्ठी पुरानी रह गयी
दुनियादारी तय हुई लगभग मगर
बात इक दिल की बतानी रह गयी
बेटियाँ मुफ़लिस ने तन भर ढांक दीं
क्या पता क्या सावधानी रह गयी