भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

दुर्गा वन्दना / विनोद तिवारी

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:13, 21 अक्टूबर 2016 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद तिवारी (हरदोई) |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जय जय जय जननी। जय जय जय जननी।

      जय जननी, जय जन्मदायिनी।
      विश्व वन्दिनी लोक पालिनी।
      देवि पार्वती, शक्ति शालिनी।
जय जय जय जननी। जय जय जय जननी।

      परम पूजिता, महापुनीता।
      जय दुर्गा, जगदम्बा माता।
      जन्म मृत्यु भवसागर तरिणी।
जय जय जय जननी। जय जय जय जननी।

      सर्वरक्षिका, अन्नपूर्णा।
      महामानिनी, महामयी मां।
      ज्योतिरूपिणी, पथप्रदर्शिनी।
जय जय जय जननी। जय जय जय जननी।

      सिंहवाहिनी, शस्त्रधारिणी।
      पापभंजिनी, मुक्तिकारिणी।
      महिषासुरमर्दिनी, विजयिनी।
जय जय जय जननी। जय जय जय जननी।