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स्वप्न रक्षक / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़
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ओ, स्वप्नद्रष्टा
दो मुझे तुम्हारे सभी स्वप्न,
दो मुझे तुम्हारे
मन की सभी तानें,
कि इन्हें लपेट कर रख सकूँ
नीले बादलों के कपड़ों में
दुनिया की कठोर-खुरदरी उँगलियों
से दूर।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’