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झूमर / रूप रूप प्रतिरूप / सुमन सूरो
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घुरी-फुरी कत्तेॅ देश, जोगिनी के धरी भेस
देखोॅ-देखोॅ, ऐलै सावन सजनि हे। देखोॅ-देखोॅ.।।
कारोॅ-कारोॅ ओर-छोर
जन्नेॅ-तन्नेॅ नाचेॅ मोर
कूल छोड़ी, कहाँ चललि तटिनि हे! कूल छोड़ी.।।
पूबोॅ दिशों घटा टोप
पछिमोॅ के देखी ओप
रही-रही, मारै कनखी दामिनि हे! रही-रही.।।
बान्ही-बान्ही माथोॅ-कान
जोखो ऐनां नैना-वाण,
पिया ताकी, धनी फेकै छै मोहिनी हे! पिया ताकी.।।