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शहर में साँप / 25 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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आदमी ने
साँप साँपिन केॅ
जोड़ करैत देख
वै पर डाइल देलकै कपड़ा
बोललै कचहरी में काम एैतै
साँप कहलकेॅ
पूरे जीवन भैर/जे तोय पहननेॅ
ऊ काम नै एैलो तेॅ
ई काम कि ऐतौ।

अनुवाद:

आदमी ने
साँप-साँपिन को जोड़ करते देख
उसपर डाला कपड़ा
बोला कचहरी में काम आयेगा
साँप ने कहा
पूरे जीवन भर/तुमने जो पहना
वह काम नहीं आया, तो
यह क्या काम आयेगा।