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शहर में साँप / 24 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय
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एक दिन साँप के बच्चा
आदमी के देख केॅ बेहोश होय गेलै
ओकर माय ने ओकरा समझैलकै
बेटा अदमी के सामने नै होइहै
ओकर एहसास भर से
वातावरण में जहर होय जाय छै।
अनुवाद:
एक दिन साँप का बच्चा
आदमी कोदेख कर बेहोश हो गया
उसकी माँ ने उसे समझाया
बेटा आदमी के सामने कभी नहीं होना
उसकी स्मृति भर से
वातावरण में जहर फैल जाता है।