भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

भारत देश महानु / मीरा हिंगोराणी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:29, 1 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीरा हिंगोराणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

धरतीअ में आ सोनु समायलु,
चमके चांदी झरणनि मां।
ॻाए लोली कन्याकुमारी,
कशमीर जे वादियुनि में,
गूंजे हिकई अज़ान।
भारत देशु महानु!

गूंजे महापुरिषनि जी ॿाणी,
जाति-पाति जो भेदु न ॼाणे,
ॾे भाई/ चारे जो ज्ञानु।
भारत देशु महानु!

वधाए शानु वत्तन जो,
थीऊ तूं मानु वत्तन जो,
मुशकी कर तूं जानि कुर्बानु।
भारत देशु महानु!