भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

प्यारो बापू जी / मीरा हिंगोराणी

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:49, 1 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीरा हिंगोराणी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पकड़े आंउनरि आर्दशनि जी,
वघियो हो अॻिते बापू जी,

पढ़ाए पाठु अहिंसा जो,
रहियो शांत-चित बापूजी
असांजो प्यारो बापू जी।

सुपनों मन में आज़ादीअ जी,
हुयो अट्ठलु इरादनि वारो,
मसीहो मिसकीननि जो,
असांजो प्यारो...

करे देश तां जानि कुर्बानु,
ॾिनई भारत माता खे भानु,
परवानो अमरु आज़ादीअ जो,
असांजो प्यारो बापूजी।