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वघंदो हलु तू / मीरा हिंगोराणी

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वघंदो हलु तूं,
अॻिते... अॻिते....

हलंदो हलू तूं अॻिते काहै,
मौत अॻियां सीनो साहे,
छॾि ॻलनि इरादनि खेडाहे।
वघंदो हलु तूं...

वीरु बि तूं दिलेरु बि तूं,
वत्तन जो वफादारु तूं,
खाई चोटूंतन-मन ते,
थीड न दिलगीरु तूं।

वघंदो हलु तूं...
प्राननि खां प्यारी सिंघुड़ी,
घोरिज तहिं तां हीअ जिंदुड़ी,

डे-ई‘ सिंधूअ’ खे मानु।
वघंदो हलु तूं...
अग-ते... अग-ते....