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गुलाबु / मीरा हिंगोराणी
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गुलनि जो राजा आहि गुलाबु,
कंडनि में खुश रहे गुलाबु।
ॻाड़हा पीला ऐं अछा नीला,
हर किस्म जा थियनि गुलाब।
ॾे थो नियापो प्रेम जो,
ख़ज़ानो खुशबू जो गुलाबु।
पखेड़े मधुर-मधुर सुरहाण,
बहार बाग़नि जी गुलाबु।
मुखड़ा ॿारनि जा हरदमु,
रहनि टिड़ियल, जींअ टिड़े गुलाबु।