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गुरू नानक / लीला मामताणी
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तर्ज़: हे राम - हे राम
हे राम मिठा श्याम
जप सुबह शाह इहो नामु - हे राम मिठा श्याम
केवट खे तारियो - नरसिंघ खे उॿारियो
अहिल्या खे तारियो - शबरीअ खे संवारियो
तूं त आहीं बस राधा जो श्याम
मोह खे मिटाए हिरसनि खे हटाए
ॿियाईअ जे पर्दे खे अंदर मां हटाए
ॾे मुक्तीअ जो तूं दाता धाम
हे राम मिठा श्याम
तूं ही अंदर में तूं ही मंदिर में
झाती पाए ‘निमाणी’ तूं दिल जे चमन में
तोखे जिते किथे मिलंदुइ घनश्याम
हे राम मिठा श्याम
बस सुबह शाम इहो नाम - हे राम मिठा श्याम