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फुर्सत में / मुकेश तिलोकाणी

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तो ॾिनो
हुन वरितो
जीअण खे माना आहे।
प्यार खे बि
अहिसासु करिणो-कराइणो
तूं विसारे न छॾिजि
लाहियूं चाड़हियूं
खु़शियूं-ग़म त
आम जामु
हीअ बि जिं़दगी
हूअ बि जिं़दगी
अञां बि
फु़र्सत में
कंहिं महल
थधो साहु खणिजि
ऐं, चंड खे परिखजि।