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मेलो मचंदो / मुकेश तिलोकाणी

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अॼु शाम जो
मेलो मचंदो।
कारा कांव,
कां...कां...कंदा।
कोसीअ लुक में
लुडंदा लमंदा इंदा
सिरिणियूं, लामारा ॾींदियूं
जाइ, मालु, ॻोल्हे लहंदियूं
थधीथाधल
हींओं ठारींदी।
चणा चहर ॾींदा
साज़नि जे सुरनि ते
कंधु झुलींदा
टंगू खजंदियूं
घोरूं पवंदियूं
मट भरिबा
हथ मिलंदा
भाकुर पवंदा
मुखोटा-टिलंदा
कलियूं टिंड़दियूं।