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पंजड़ो चोथों / लीला मामताणी

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जोतियुनि जी झिमकार दूलह तुंहिंजे दर ते।
तुंहिंजे दर ते लालण, झूलण तुंहिंजे दर ते।
जोतियुनि जी झिमकार दूलह तुंहिंजे दर ते।

1.
जिति किथि तुंहिंजी जोति जॻे थी।
नूर वसे निरवार। जोतियुनि जी झिमकार...।

2.
मूं निधर ते ॿाझूं तुंहिंजूं।
दर्शन ॾे दीदार। जोतियुनि जी झिमकार...।

3.
जोती जोति अखंड ॿरे थी।
ॿह-ॿह सां ॿहकार। जोतियुनि जी झिमकार...।

4.
अंधनि अखिड़ियूं पातियूं इतां ही।
गूंगनि मिली गुफ़तारा जोतियुनि जी झिमकार...।

सुवाली ख़ाली कीन छॾीं थो।
आए जो ऐतबारु। जोतियुनि जी झिमकार...।

6.
संगति लालण आई तो दर ते।
अर्ज़ अघाईं सरदार। जोतियुनि जी झिमकार...।