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आई आहियां, सिरड़ो निवायां / लीला मामताणी

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तर्ज़: लालण तुंहिंजी लार...

थल: झूलण तुंहिंजे दुआर आई आहियां।

आई आहियां, सिरड़ो निवायां॥

1.
छेरि छिमकाए मां त झुमिरियूं पायां।
धुनी लॻाए तुंहिंजा पंजड़ा ॻायां।
ओ-झूलण जा वेही गुण ॻायां॥
झूलण तुंहिंजे दुआर आई आहियां॥

2.
सचीअ दिल ते साहिब राज़ी।
काज़ी हुजे या हुजे नमाज़ी।
दुहिल धुकड़ दमा दम वॼायां
झूलण तुंहिंजे दुआर आई आहियां॥

3.
करि न ‘निमाणीअ’ सां माणा।
भाल भलाइजि मुंहिंजा राणा।
ओ - सिक सां रज मस्तक लायां
फेरिड़ियूं मां पायां, चंवर झुलायां।
झूलण तुंहिंजे दुआर आई आहियां॥
आई आहियां, मां आई आहियां॥