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ॾे-वठु / मुकेश तिलोकाणी

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हाणि
निंड जूं गोरियूं फ़कि
अंदर में भरियलु
मिठे ज़हिरखे
मारण लाइ
पंहिंजे नब्ज़ में
भालों टूंब
बसि हाण
इहो सड़ियलु
फाटलु थेल्हो
कुल्हे तां लाहे
कंध हेठां
सोघो रखु।
आक़्सीज़नि छॾि
कार्बनडाइ आक्साइड खणु
ऐं, ज़मान माज़ीअ खे
यादि करि।