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तुं याद आएं / लक्ष्मण पुरूस्वानी

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ठही संभिरी करे दिठी आरसी
त तूं याद आएं
रहिजी वियांसी असां बिना मुस्कये
जदंहि ॿुधा गीत प्यार जा
त तूं याद आएं
रहिजी वियुसु मां बिना गुनगुनाए
भरिजी-भरिजी आया जदंहि कारा ककर
त तूं याद आएं
रहिजी वियुसु मां बिना हथु मिलाए
हलिया जे सिलसिला ॻाल्हियुनि जा
त तूं याद आएं
रहिजी वियुसु मां बिना अखि मिलाए
दिठी जा तस्वीर तुहिंजी
त तूं याद आएं
चप बि चुरिया पर
रहजी वियुसु मां बिना कुझु ॿुधाए।।