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प्रेमिका जो हथु / लक्ष्मण पुरूस्वानी

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जदहिं प्रेमीअ वटि, प्रेमिका जो हथु आयो
त हू घॿिराइजी वियो, ऐं डप जे करे
हुन जी दिल धड़िकण लॻी
त पासे में बीठल, हिक दोस्त चयो
छो भाई छा थियो
कहिंजी कोठ नींड आई
बुधी करे, प्रेमी पोसिरियो
पोइ, दकन्दें डिॼन्दे
घॿिराए करे, धीरे सां चयाईं
प्रेमीका जो कटियलु, हथु आयो आ
दोस्त मन ई मन में मुश्कियो
उनखे दोस्त जी, बेवसीअ ते
को रहिमु न आयो ऐं कूड़ी हमदर्दी देखारींदे
बनावटी प्यार सां समझायांई
यार छा थो करीं
मर्दु थीउ, डिॼीं छो थो
हिन में कुझु बि गलत नाहें
जेको धुरिो अथई
सो मिलियो अथई!!