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तमन्ना / लक्ष्मण पुरूस्वानी

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अखियुनि जे समुंड में तरणु दीं त चडःो
तुहिंजो मुजरिम आहिंया ॿुदण दीं त चडःो

दिनल घाव तुहिंजा त प्यारा लॻनि था
मरहम मुरिकी तिनि खे लॻण दीं त चडःो

दरियूं-दर दिल जा तूं खोले ई रखिंज़ा
खिली ख्वाब में ई अचणु दीं त चडःो

गुज़िरे ग़मनि में न हीअ ज़िन्दगी
जुल्फनि जे साये में रहणु दीं त चडःो

दिल में न ॿी का तमन्ना आ ”लक्षमण“
फ़ना पहिंजी ॿांहुनि में थियण दी त चडःो