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हमारा देश / रमेश तैलंग
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नक्शें में छोटा-सा दिखता
पर है बड़ा हमारा देश।?
दद्दू कहते-‘हमने भी न
अब तक देखा सारा देश।’
कितना अच्छा हो जो हमसे
कोई टिकट नहीं माँगे,
मुफ्त घुमाएँ बच्चों को
हर जगह रेल, मोटर ताँगे।
तब हम भी मानेंगे कि है
सचमुच आज हमारा देश।
बड़े कमाएँ खूब और फिर
बच्चों का कुछ भला करें,
आखिर अपनी गुल्लक में हम
कितने पैसे जमा करें?
जब तक हम छोटे हैं तब तक
तो दे हमें सहारा देश।