भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नील परी / प्रकाश मनु
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:26, 16 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रकाश मनु |अनुवादक= |संग्रह=बच्च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
आसमान से हँसती-गाती
नील परी भू पर आती है,
आकर के नन्ही बगिया को
खुशबू से यह भर जाती है।
जादूगर-सी छड़ी लिए है
बैठी बच्चों के सिरहाने,
इसके आते ही फूलों से
झरने लगते मीठे गाने।
इसकी मुसकानें मोती हैं
और चाँद है इसकी बिंदिया,
बच्चे इसको खूब जानते-
कहते हैं-लो आई निंदिया!