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अस्तित्व की घोषणा / शिवबहादुर सिंह भदौरिया

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आओ
हम अपने
स्वतन्त्र अस्तित्व की
घोषणा करें,
फिर चाहे रिक्त हों या
भरें
जब भी जी ऊबे
तनाओं और दबावों से दूर
कहीं एक साथ खेलें,
पर
एक दूसरे को खिलौना
न कहें,
क्रय-विक्रय हो
व्यापार भी करें
मुनाफा हो: रखें
घाटा हो: भरें
पर,
एक दूसरे को वस्तु
न समझें।