Last modified on 20 फ़रवरी 2017, at 12:27

कोई मुझसे लेले फूल / श्रीप्रसाद

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:27, 20 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीप्रसाद |अनुवादक= |संग्रह=मेरी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लाल, गुलाबी, पीले फूल
भोले और लजीले फूल
मेरे हाथों में दो फूल
मेरी झोली में सौ फूल
महमह महमह सारे फूल
छोटे-बड़े, दुलारे फूल
ये गेंदा गुलाब के फूल
खुशबू और आब के फूल
कोमल हैं कनेर के फूल
देखो अरे ढेर से फूल
कितने ही रंगों के फूल
कितने ही ढंगों के फूल
हँसते मुसकाते से फूल
ये सबको भाते से फूल
कोई मुझसे लेले फूल
संग बैठकर खेले फूल
देखो, बोल रहे हैं फूल
आँखें खोल रहे हैं फूल
लाल, गुलाबी, पीले फूल
भोले और लजीले फूल।