Last modified on 20 फ़रवरी 2017, at 12:36

केवल इतवार है / श्रीप्रसाद

Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:36, 20 फ़रवरी 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=श्रीप्रसाद |अनुवादक= |संग्रह=मेरी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सोमवार अच्छा लगता है
अच्छा मंगलवार है
पर सबसे प्यारा जो दिन है
वह केवल इतवार है

हफ्ते के छह दिन पढ़ते हैं
हिंदी अंग्रेजी
पर जाने क्यों नहीं गणित में
आती है तेजी
थक जाते हैं शुक्रवार को
फिर आता शनिवार है

हफ्ता पूरा एक चक्र है
बहता-सा झरना
हमसे कहता, यह करना है
यह, यह, यह करना
पर इतवार फूल-सा खिलता
जिसमें महक अपार है

हमें काम अच्छे लगते हैं
हम करते रहते
काम अधूरा रहे अगर तो
मन में हम डरते
पर इतवार हमें दादा-सा
करता बड़ा दुलार है

खेलकूद इस दिन होता है
मौज मजा मस्ती
इस दिन ही लगता है हमको
ज्यों दुनिया हँसती
एक इसी दिन अनुभव होता
अपना भी संसार है
सोमवार अच्छा लगता है
अच्छा मंगलवार है।