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रुबाई : उदास उदास ! / ज्ञानुवाकर पौडेल
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साँझ उदास कसैको, कसैको बिहानी उदास उदास
कविता उदास कसैको, कसैको कहानी उदास उदास
के होला र आवाद खोई मनको दुनियाँ तिमी हाम्रो ?
चाहना छ घायल कसैको,कसैको जवानी उदास उदास !