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मिट्ठड़ा ना लगदा शोर / बुल्ले शाह
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प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर।
हुण मैं ते राजी रैहनाँ,
प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर।
मैं घर खिला सगूफा होर,
वेक्खिआँ बाग बहाराँ होर
हुण मैनूँ कुझना कैहणा।
प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर।
हुण मैं मोई नी मेरीए माँ,
पूणी मेरी लै गया काँ,
डों डों करदी मगरे जाँ,
पूणी दे दई साईं दे नाँ।
प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर।
बुल्ला साइ दे नाल प्यार,
मेहर अनायत करे हजार,
इक्को कौल<ref>वचन</ref> ते एहो करार<ref>इकरार</ref>,
दिलबर दे विच्च रैहणा
प्यारिआ सानूँ मिट्ठड़ा ना लगदा शोर।
शब्दार्थ
<references/>