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मेरी बुक्कल दे विच्च चोर / बुल्ले शाह

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मुसलमान सड़ने तो डरदे,
हिन्दू डरदे गोर<ref>कब्र</ref>।
दोवें ऐसे दे विच्च मरदे,
एहो दोहाँ दी खोर<ref>दुश्मनी</ref>।

मेरी बुक्कल दे विच्च चोर।

किते रामदास किते फतह मुहम्मद
एहो कदीमी<ref>पुराना</ref> शोर।
मिट गया दोहाँ दा झगड़ा,
निकल पया कुझ होर।

मेरी बुक्कल दे विच्च चोर।

अरश मनव्वर बांगाँ मिलिआँ,
सुणीआँ तखत लाहौर।
शाह अनायत कुंडिआँ पाइआँ,
लुक छुप खिच्चदा डोर।

मेरी बुक्कल दे विच्च चोर।

जिस ढूँढाया तिस ने पाया,
ना झुर झुर होया मोर।
पीर पीराँ बगदाद असाडा,
मुरशद तखत लाहौर।

मेरी बुक्कल दे विच्च चोर।

ऐहो तुसीं वी आक्खो सारे,
आप गुड्डी आप डोर।
मैं दसनाँ तुसीं पकड़ ल्याओ,
बुल्ले शाह दा चोर।

मेरी बुक्कल दे विच्च चोर।
नी मेरी बुक्कल दे विच्च चोर।

शब्दार्थ
<references/>