भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

वे इशका मारिआ ई / बुल्ले शाह

Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:47, 6 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बुल्ले शाह |अनुवादक= |संग्रह=बुल्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

इशक हुराँ दे वधे अडम्बर।
इशक ना छुड्डदा पीर पैगम्बर।
इशक ना छुपदा बाहर अन्दर।
इशक कमाया शरफ कलन्दर।
बाराँ बरस पाणी विच्च ठारीआँ ई।


रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

आदम कणकों मनाँ कराएओ।
पिच्छे चा शैतान दौडाएओ।
कल्ल बैहश्तों जिमीं रूलाएओ।
भला पसार पसरेआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

मूसा नूँ कोह तूर<ref>पहाड़ का नाम</ref> पठाएओ।
इसराईल नूँ ज़िब्हा<ref>कतल करना</ref> कराएओ।
यूनस मच्छली तों निगलाएओ।
की ओहनाँ नूँ रूतबा चाढ़िआ ई?

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

मनसूर नूँ चा सूल दित्ता।
राहब दा कढवाएओ पित्ता।
सरमद दा की औगुण डिðा?
फेर ओहनाँ कम्म की सारिआ ई?

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

यूसफ नूँ विच्च खूहे पायो।
भाइआँ नूँ इल्ज़ाम दिवायो।
ख्वाब जुलेखाँ नूँ दिखलायो।
फिर उस नूँ तख्त चाढ़िआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

फरऊन ने खुदा कहाया।
ईसा नाल अशतंड<ref>झगड़ा</ref> जगाया।
नील नदी विच्च ओह डुबाया।
खुदीओं कर तुध मारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

नमरूद<ref>बादशाह का नाम</ref> ने वी खुदा कहाया।
जिस ते रब्ब ने तीर चलाया।
मच्छर तों उसनूँ मरवाया।
कारूँ जिमीं निघराया ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

आपे चा अमाम बणाया।
उसदे नाल यज़ीद<ref>एक फौजी जरनल का नाम जिसने करबला के मैदान में अमाम को मारा</ref> लड़ाया।
चौधीं तबकीं शोर मचाया।
सिर नेजे ते चाढ़िआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

फौजाँ मेल मंगाईआँ भाइआँ।
मुशकाँ चूहिआँ तों टुकवाइआँ।
डिट्ठी कुदरत तेरी साइआँ।
मैं सिर तेरे तो वारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

लंका चढ़ के नाद बजायो।
लंका राम कोलों लुटवायो।
हरनाकश कित्हा बैहशत बणायो।
ओह विच्च दरवाजे मारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

दित्ता दहसिर लई बेचारी।
तद हनूँवंत ने लंका साड़ी।
रावण दी सभ चा अटारी।
ओड़क रावण मारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

कैरो पांडों करन लड़ाइआँ।
उठाराँ खूहणिआँ तदों खपाइआँ।
मारन भाई सक्किआँ भाइआँ।
की ओत्थे नेआँ नितारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

गोपिआँ नाल की चज्ज कमायो।
मक्खण काहन तो लुटवायो।
राजे कंस नूँ पकड़ मँगायो।
बोदिओं पकड़ पछाड़िआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

इशक लैला दे धुम्माँ पाईआँ।
तद मीआँ मजनूँ अक्खिआँ लाईआँ।
इशक ने धाराँ आप चुंघाईआँ।
खूहे ते बरस गुज़ारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

इशक होरीं हीर पर आए।
तद मीआँ राँझे कन्न पड़वाए।
साहिबाँ नूँ विआहवण आए।
सिर मिरजे दा वारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

रस्सी नूँ चा थलीं रूलायो।
सोहणी कच्चे घड़े डुबायो।
रोडे दे सिर गिल्हा जो आयो।
पुरषे कर कर मारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

मुगलाँ ज़हर प्याले पीते।
भूरेआँ वाले राजे कीते।
कुल अशराफ फिरन चुप्प कीते।
भला ओहनाँ नूँ झाड़िआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

बुल्ला शाह फकीर विचारा।
कर चल्लिआ कूच नगारा।
जग विच्च रोश्न नाम हमारा।
नूरों सूरज उतारिआ ई।

रहु रहु वे इशका मारिआ ई।
कहु किस नूँ पार उतारिआ ई।

राँझा जोगीड़ा बण आया

राँझा जोगीड़ा बण आया,
वाह साँगी साँग रचाया।

ऐस जोगी दे नैण कटोरे,
बाजाँ वांगूँ लैंदे डोरे।
मुक्ख डिठिआँ दुःख जावण झोरे,
इन्हाँ अब्बीआँ लाल वन्जाया<ref>गवइया</ref>।

शब्दार्थ
<references/>