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कलंकक दाग सन जीवन / नवल श्री 'पंकज'
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कलंकक दाग सन जीवन
लगै उपराग सन जीवन
कुचरलौं चारपर अनकर
बनल तैं काग सन जीवन
कते भेटल कते बिछड़ल
गुणा आ भाग सन जीवन
कटै छी राति हम कहुना
लगैए जाग सन जीवन
बहब हम तील कहिया धरि
डसैए नाग सन जीवन
किए बाँचल "नवल" आबो
जँ तन्नुक ताग सन जीवन