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मेमना / विनोद शर्मा

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अगर आप परेशान हैं
अपने अस्तित्व की चिंता के सवालों से
या हासिल करना चाहते हैं
अस्तित्ववाद की जानकारी

तो किसी शब्दकोश
या सार्त्र की किताब
या किसी और सन्दर्भ ग्रन्थ
के पन्ने पलटने के बजाए
आप मेरे शहर चले आइए
और मिलिए किसी भी आम मेमने से

(यों हर मेमना आम ही होता है
और मेरे देश का हर आम नागरिक
एक मेमना ही तो है)

जिसके अस्तित्व की रस्सी का एक सिरा
गडरिए के हाथ में है तो दूसरा
भेड़िए के दांतों में।