भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
यायावर / विनोद शर्मा
Kavita Kosh से
Lalit Kumar (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:22, 15 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विनोद शर्मा |अनुवादक= |संग्रह=शब्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अज्ञेय के लिए)
कहीं से
हवा में उड़ता हुआ
आया एक पत्ता
और अटक गया
एक झाड़ी में
कुछ समय बाद
ले उड़ा उसे
हवा का एक तेज झोंका
कहीं और...
(‘अरे यायावर रहेगा याद’: अज्ञेय की कविता ‘दुर्वांचल’ की पंक्ति)