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तब पिकासो पारी का हृदय था / विष्णुचन्द्र शर्मा

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युद्ध की
विभीषिका के बीच
पॉब्लो पिकासो
‘गएर्निका’ किसके लिए
रच रहा था?
एक-एक चेहरों
की पीड़ा वह उतार रहा था
अपने एकांत में।
फिर पीठ के बल
नदी में
लेट गया था
पॉब्लो पिकासो।
(महाभारत
लिखने के बाद
जैसे व्यास
लाशों के बीच
सो गया था
अचानक

युद्ध ने
किसी को बनाया नहीं था
बस
बार-बार तोड़ा था।
पिकासो की
अन-बनी
पेंटिंग न्यूयॉर्क में रखी है
पिकासो
पारी का हृदय टटोला करता था
क्यों?