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15 / हीर / वारिस शाह
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रांझा आखदा भाबियो वैरनो नी तुसां भाइयां नालों विछोड़या जे
खुशी रूह नूं बहुत दिलगीर करके तुसां फुल गुलाब दा तोड़या जे
सके भाइयां नालों विछोड़ मैंनूं कंडा विच कलेजे दे पोड़या जे
भाई जिगर ते जान सां असीं अठे वखो वख न चाए विछोड़या जे
नाल वैर दे रिकतां छेड़ भाबी, सानूँ पिटणा होर चमोड़िया जे
जदों साफ हो टुरनगियां वल जन्नत वारस शाह दी सांग न मोड़या जे
शब्दार्थ
<references/>