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24 / हीर / वारिस शाह
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नढी सयालां दी व्याहके लयावसां मैं करो बोलियां नाल ठठोलियां नी
बहे घत पीढ़ा वांग रानियां दे अगे तुसां जेहियां होवन गोलियां नी
मझू वाह विच बोड़ीए भाबियां नूं होण तुसां जहियां बड़बोलियां नी
वारस बस करो असीं रज रहे भर दितियां जो तुसां झोलियां नी
शब्दार्थ
<references/>