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31 / हीर / वारिस शाह

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भाबी रिज़क उदास जां हो टुरिया हुण कासनूं खलिआं हटकदियां हो
पहिले साड़के जीऊ नमानड़े नूं पिछे आ मलहम लावन लगदियां हो
भाई साक सन सो वख जुदा कीते तुसीं साक की साडीयां लगदियां हो
वारस शाह अकलड़े की करना तुसीं सते अकठीयां वगदियां हो

शब्दार्थ
<references/>