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88 / हीर / वारिस शाह

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चूचक आखदा कूड़ियां करें गल्लां हीर खेडदी विच सहेलियां दे
पींधां पायके सइयां दे नाल झूटे त्रिंजण जोड़दी विच हवेलियां दे
एह चुगल जहान दा मगर लगा फकर जानदे हां नाल सेलियां दे
कदी नाल मदारियां भंग घोटे कदी जा नचे नाल चेलियां दे
नहीं चूहड़े दा पुतर होवे सयद घोड़े होन नाहीं पुत लेलियां दे
वारस शह फकीर न होण हरगिज पुतर नाइयां मोचियां तेलियां दे

शब्दार्थ
<references/>