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92 / हीर / वारिस शाह
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तेरे वीर सुलतान नूं खबर होवे फिकर करे उह तेरे मुकाबले दा
चूचक बाप दे राज नूं लीक लाई किहा फायदा लाड लडावने दा
नक वड के कोड़मा गालया किहा फायदा मापिआं तावने दा
राती चाक नूं चा जवाब देसां साडा शोक नहीं है महीं चरावने दा
आ मिठिए लाह लै सभ टूमां किहा फायदा गहनयां पावने दा
वारस शाह मियां एस छोहरी दा जी होया ए लिंग कुटावने दा
शब्दार्थ
<references/>