कैदो आखदा लोको एह झूठ सारा खेखन कुड़ियां ने एह भरपूर कीते झुगी साड़ भांडे भन खोह दाढ़ी लाह पग पठे पुट दूर कीते टंगों पकड़ घसीट के विच खाई लतां मारके खलक रंजूर<ref>दुःखी</ref> कीते वारस शाह गुनाह थीं पकड़ काफर हढ पैर मलायकां<ref>फरिश्ते</ref> दूर कीते