भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लिखना है मुझे / आभा पूर्वे
Kavita Kosh से
Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:09, 31 मार्च 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=आभा पूर्वे |अनुवादक= |संग्रह=गुलम...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
राम से उपेक्षित
सीता के वियोग को
स्वर दिया वाल्मीकि ने
और रामायण बन गई
लेकिन तुम्हारे साथ रहकर भी
मैं जिस वनवास का वियोग
सह रही हूँ
उसको तो स्वर मुझे ही देना है
मुझे ही लिखना है
अपने लिए एक रामायण;
मेरे राम ।