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221 / हीर / वारिस शाह

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जदों गानड़े दे दिन पुज गये लसी मुंदरी खेडने आइयां ने
सैदा लाल पीड़े उते आन बैठा कुड़ियां वहुटड़ी पास बहाइयां ने
पकड़ हीर दे हथ परात पाए बाहां मुरदयां वांग पलमाइयां ने
वारस शाह मियां नैणां हीर दयां ने वांग बदला छैहबरां लाइयां ने

शब्दार्थ
<references/>