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247 / हीर / वारिस शाह
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जोगी छड जहान फकीर होए एस जग विच बहुत खुआरियां ने
लैन देन तेदगा अनियां करना लुट खुट ते चोरियां यारियां ने
ओह पुरख निरब्बान पद जा पहुंचे पंज इंदरियां जिनां ने मारियां ने
जोग दे के करो निहाल मैंनूं कहिया जिउ ते घुंढियां चाढ़ियां ने
एस जट गरीब नूं तार तिवें जिवें अगलीयां संगतां तारियां ने
वारस शाह मियां रब्ब शरम रखे जोग विच मुसीबतां भारियां ने
शब्दार्थ
<references/>